-: मंत्र :-
॥ काली घाटे काली माँ, पतित-पावनी काली माँ,
जवा फूले-स्थुरी जले, सई जवा फूल में सीआ बेड़ाए ।
देवीर अनुर्बले । एहि होत करिवजा होइबे ।
ताही काली धर्मेर बले । काहार आज्ञे राठे ।
कालिका चण्डीर आसे ॥
विधिः- उक्त मन्त्र भगवती कालिका का बँगला भाषा में शाबर मन्त्र है। इस मन्त्र को तीन बार ‘जप’ कर दाएँ हाथ पर फूँक मारे और अभीष्ट कार्य को करे। कार्य में निश्चित सफलता प्राप्त होगी। गलत कार्यों में इसका प्रयोग न करें।
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